"माँ: दुनिया की सबसे बड़ी योद्धा"
बिना तलवार, बिना ढाल... फिर भी हर जंग जीतने वाली।
बिना तलवार, बिना ढाल... फिर भी हर जंग जीतने वाली।
माँ – न कोई सेना, न कोई हथियार
फिर भी हर दर्द से लड़ने वाली सबसे बड़ी योद्धा।
जब तू इस दुनिया में नहीं आया था,
वो तेरी हर साँस के लिए दर्द सह रही थी।
यही तो है माँ की पहली जंग।
रात को तू सो पाए,
इसलिए वो कई रातें जागती रही।
उसके लिए आराम नहीं, सिर्फ तेरा सुकून।
जब तू गिरा, चोट तुझे लगी,
लेकिन आँसू उसकी आँखों से निकले।
जब तू गिरा, चोट तुझे लगी,
लेकिन आँसू उसकी आँखों से निकले।
वो दर्द भी चुपचाप सह गई।
वो दर्द भी चुपचाप सह गई।
दुनिया तुझे गिराने आई,
पर माँ ढाल बनकर खड़ी रही।
दुनिया तुझे गिराने आई,
पर माँ ढाल बनकर खड़ी रही।
उसने तुझे कभी हारने नहीं दिया।
उसने तुझे कभी हारने नहीं दिया।
उसने अपने सपने छोड़ दिए…
बस तुझे उड़ते देखने के लिए।
उसने अपने सपने छोड़ दिए…
बस तुझे उड़ते देखने के लिए।
उसकी जिंदगी की कहानी, तेरे नाम से जुड़ी है।
उसकी जिंदगी की कहानी, तेरे नाम से जुड़ी है।
वो ना रुकती है,ना थकती है,ना हारती है…इसलिए माँ, दुनिया की सबसे बड़ी योद्धा है।🙏 उसे सलाम
वो ना रुकती है,ना थकती है,ना हारती है…इसलिए माँ, दुनिया की सबसे बड़ी योद्धा है।🙏 उसे सलाम