रेल यात्रा हमेशा से रोमांच, यादों और कहानियों का हिस्सा रही है। लेकिन भारत के इतिहास में कुछ ऐसी रेल लाइनें भी रही हैं जो आज वीरान और सुनसान पड़ी हैं। इन पटरियों के साथ अजीब घटनाएँ, रहस्यमयी हादसे और डरावनी लोककथाएँ जुड़ी हुई हैं। इन्हें लोग “भूतिया रेल पटरियाँ” कहते हैं। यहाँ हम आपको भारत की कुछ ऐसी बंद और रहस्यमयी रेल लाइनों के किस्से सुनाने जा रहे हैं, जिनका ज़िक्र सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं।https://www.amarujala.com/photo-gallery/bizarre-news/haunted-railways-station-begunkodar-west-bengal-india-to-be-closed-for-42-years-ghost-railways-station-2024-08-13
1. हिमाचल का बारोग टनल – आत्महत्या करने वाले इंजीनियर की आत्मा
हिमाचल प्रदेश की कालका-शिमला रेल लाइन पर स्थित टनल नंबर 33, जिसे बारोग टनल कहा जाता है, अपने डरावने किस्सों के लिए मशहूर है। कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में इस टनल के निर्माण के दौरान इंजीनियर कर्नल बारोग से माप में गलती हो गई, जिससे काम रुक गया। अपमान और जुर्माने के बोझ से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। तब से यहाँ रात में अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं और कई यात्रियों ने सफेद कपड़ों में एक अंग्रेज को घूमते देखा है।https://zeenews.india.com/hindi/zee-hindustan/photo-gallery-indias-most-haunted-railway-station-begunkodor-in-kolkata-india-closed-for-42-years/2794471
2. रायबरेली की वीरान लाइन – बिना इंजन की रोशनी
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक पुरानी बंद पड़ी रेल लाइन के बारे में कहा जाता है कि रात को पटरियों पर एक चलती हुई लालटेन जैसी रोशनी दिखाई देती है, जो धीरे-धीरे पास आती है और फिर अचानक गायब हो जाती है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह उस गार्ड की आत्मा है, जो कई साल पहले हादसे में मारा गया था और अब भी अपने काम पर लौटने की कोशिश करता है।
3. बर्धमान – कोयला ट्रैक की परछाइयाँ
पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में पुराने कोयला ढुलाई ट्रैक अब बंद हो चुके हैं, लेकिन यहाँ के मज़दूर आज भी अजीब घटनाओं का दावा करते हैं। कहा जाता है कि रात में पटरियों पर कोयले से लदे डिब्बों की आवाज़ सुनाई देती है, जबकि वहाँ कोई ट्रेन नहीं चलती। कई बार अचानक ठंडी हवा और फुसफुसाहट का अहसास होता है।
4. राजस्थान का वीराना – रेगिस्तान की पटरियों का सन्नाटा
राजस्थान के जैसलमेर के पास एक पुरानी मीटर गेज रेल लाइन थी, जो अब दशकों से बंद है। यहाँ रेत के टीलों के बीच सुनसान पटरियों पर कभी-कभी धुंधली छाया दिखाई देने की बात कही जाती है। कई स्थानीय लोग बताते हैं कि रात को जैसे कोई भारी रेलगाड़ी दूर से आती है, लेकिन कुछ ही पलों में सब सन्नाटा हो जाता है।https://www.youtube.com/watch?v=M69IoWYZdcw
5. मुंबई की वडाला लाइन – हादसों का काला इतिहास
मुंबई की एक पुरानी वडाला-किंग्स सर्कल लाइन के एक हिस्से को कई हादसों के बाद बंद कर दिया गया। यहाँ के कर्मचारियों ने दावा किया कि देर रात ड्यूटी के दौरान उन्हें ट्रैक पर पुराने कपड़ों में एक महिला दिखाई देती है, जो धीरे-धीरे धुंध में गायब हो जाती है। यह जगह आज भी स्थानीय रेल कर्मचारियों के बीच डर का विषय है।
इन कहानियों के पीछे की सच्चाई
भूतिया रेल पटरियों की कहानियाँ सुनने में जितनी डरावनी लगती हैं, उनके पीछे हमेशा कोई न कोई ऐतिहासिक कारण, हादसा या मनोवैज्ञानिक प्रभाव होता है।
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कई बार पुराने हादसों की यादें और स्थानीय लोगों की कल्पना मिलकर डरावनी लोककथाएँ बना देती हैं।
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वीरान जगहों पर हवा, जानवरों की हलचल, या दूर से आती आवाज़ें हमें किसी अलौकिक घटना का भ्रम दे सकती हैं।
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वहीं कुछ मामलों में हादसों और रहस्यमय मौतों ने इन कहानियों को और मजबूत कर दिया।
रोमांच प्रेमियों के लिए आकर्षण
आज भी कई रोमांच और रहस्य पसंद करने वाले लोग इन बंद पड़ी पटरियों पर जाते हैं, फोटो खींचते हैं और वहाँ के माहौल को महसूस करने की कोशिश करते हैं। हालाँकि, रेलवे विभाग और स्थानीय प्रशासन ऐसी जगहों पर जाने से मना करता है, क्योंकि ये न सिर्फ सुनसान होती हैं बल्कि जंग लगे लोहे, टूटे पुल और असमान ज़मीन के कारण खतरनाक भी हो सकती हैं।
निष्कर्ष
भारत में भूतिया रेल पटरियाँ सिर्फ डरावनी कहानियों का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे हमारे इतिहास, हादसों और रहस्यमय घटनाओं की गवाही भी देती हैं। चाहे इन कहानियों में सच्चाई हो या सिर्फ कल्पना, लेकिन इनका रोमांच और रहस्य आज भी लोगों को अपनी ओर खींचता है। अगर आप भी ऐसे किस्सों के शौकीन हैं, तो याद रखें – हर कहानी में छिपा डर कभी-कभी सच भी हो सकता है…